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नैमिषारण्य धाम
(ऐतिहासिक स्थल)
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सेवाऍ / दान
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नैमिषारण्य धाम |
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अनादि तीर्थ है भारत का - नैमिषारण्य धाम
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यह पावन धाम उत्तर के लखनऊ क्षेत्र के अर्न्तगत जनपद सीतापुर में स्थित है.
यह वेदो और पुराणों कि भूमि है, इसी पावन भूमि पर महर्षि वेद व्यास जी द्वारा द्वापर युग मे 4 वेद 18 पुराण 6 शास्त्र, गीता, महाभारत, उपनिषद आदि का निर्माण करके अखिल विश्व कल्याण के लिये एक महान ज्ञान सत्र आयोजित किया गया था. जिसमे लोक लोकांन्तर के सभी 88000 ऋषि-मुनि,
33 करोड देवता 3.5 करोड तीर्थ तथा भूमण्डल के सभी चराचर जीव सम्मिलित हुये थे.
संसार के सभी तीर्थो कि यात्रा करने से अच्छा है, की सभी पुराणों में स्पष्ट अंकित है कि पॄथ्वी पर के समस्त तीर्थ नैमिषारण्य मे विराजमान है.
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श्री व्यास जी ने .........., से व्यापक चार वेदों का निरुपणा किया था. उनके समुचित विकास के लिए चार प्रमुख शिष्यों का चयन किया था.
1 - सामवेद 2 - अथर्ववेद 3 - ॠगवेद 4 - यर्जुवेद
क्रम : एक से एक वेद का ज्ञान प्रदान किया था और इनमें से 1 - महर्षि जैमिनी 2 - वैश्यंम्पायन 3 - अंगिरा 4 - पैल
1 - महर्षि जैमिनी - सामवेद
2 - वैश्यंम्पायन - अथर्ववेद
3 - अंगिरा - ॠगवेद
4 - पैल - यर्जुवेद
..... पुरण तथा शास्त्र : समस्त ऋषि-मुनियों को उपदे करने की पवित्र भूमि पर आज भी 5090 वर्षीय वटवॄक्ष के दर्शन आज भी सुलभ है.
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श्री शास्त्री जी का कथा सत्संग पाने हेतु भा
रत में निम्नंकित किसी भी नंबररात कर सकते
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