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नैमिषारण्य धाम
(ऐतिहासिक स्थल)
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सेवाऍ / दान
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ऋषि-गौशाला के उद्देश है गौसेवा, अभ्यागत सेवा, तीर्थसेवा, संत सेवा और भागवत सेवा
भागवत सेवा और विष्णू सहस्त्रनाम
नैमिषारण्य तीर्थ
भागवत भूमि है. इस
भूमि से श्री शुकदेव
जी, श्री सूत जी,
जैमिनी, वैश्यंम्पायन,
अंगिरा एवं पैल आदि
ऋषियों को दिव्य
ग्यान प्राप्त हुआ
था. इस भूमि मे जीव
अपना तथा अपने परीवार
के कल्याणं एवं
पूर्वजो कि आत्मा की
शांति प्राप्त तथा
उनके परमोत्तम मिलन
हेतू श्री विष्णु
सहस्त्र महा दिव्य
नाम स्तोत्र तथा
भागवत कथा की विशेष
महिमा है. श्री विष्णु
सहस्त्रनाम करने से
बच्चो को धेर्यता बुध
बल एवं आत्म बल की
प्राप्त होती है.
श्रीमद भागवत के पढने
से पित्रो को शांती
तथा परम पाद कि
प्राप्ति होती है.
श्री विष्णु सहस्त्र
नाम महादिव्य
स्त्रोत्रम के पावन
लाभ
१) शिक्षार्थी का मन
पढाई में लगने की
निश्चितता !
२) यदि आपके बच्चे
पढने मे परिश्रम करते
है पर परिक्षा में
उत्तीर्ण नहीं होते.
३) स्वभाव में
आवश्यकता से ज्यादा
चिडचिडा पन
४) अपने माता-पिता का
आज्ञा का उलंघन करने
का
५) अपने भविष्य का
निमार्ण करने मे
असक्षमता
बच्चों के जीवन से
जुडी इस समस्या के
समाधान पाने हेतु
पवित्र तीर्थ
नैमिषारण्य मे स्थित
व्यासगद्दी
आपके बच्चों को
नैमित्तिक समाधान
दिलाना है.
आप भी साप्ताहिक
महापूजा में अपने
बच्चों का विवरण देकर
बच्चों में अभूतपूर्व
परिवर्तन देख सकते
है.
जिसके लिए आपको देना
है भारतीय मुद्रा में
११०००/- सात दिनों के
लिए
/
३१०००/- एक महिनो के
लिए
आप के नाम पर श्री
विष्णु सहस्त्र नाम
करने के लिए नीचे
दियी हुई जानकारी
कॄपया भेजिए.
नाम :
गोत्र :
जन्म समय :
जन्म स्थान :
जन्म तारीख :
गौसेवा
जिस प्रकार पेड की जड में पानी डालने से पेड की शाखाये पुष्पित एवं पल्लवित हो जाती है ठीक उसी प्रकार गौसेवा करने से हमारे बच्चे बलवान तथा बुध्दिवान हो जाते है.
हमारे बच्चों का ऐश्वर्य तथा आभा एवं आत्मविश्वास में काफी बढोत्तरी हो जाती है. आज देश विदेश में तक गायों का सेवा सुविधा में भारी कमी को देखते हुये आप सभी को गौसेवा का लाभ देने हेतू नैमिषारण्य ऋषि गौशाला में एक सहज सेवा प्रणाली का प्रारंभ किया है. जिसमें वर्ष के 365 दिनों में 365 मेंम्बरो की आवश्यकता है.
प्रत्येक मेंबर को वर्ष में एक ही दिन की सेवा का लाभ प्राप्त होगा. इस संदर्भ में एक दिन की सेवाराशि रुपये 501 निश्चित की गयी है. इस विधा लाभ देश विदेश का कोई भी नागरीक के सकता है.
अभ्यागत सेवा, तीर्थसेवा, संत सेवा
इसके अतिरीक्त श्रीमद भागवत प्रचार संस्थान के अर्न्तगत भूखे को अन्न, प्यासे को पानी का लक्ष्य बनाया गया है. पावन भूमि नैमिषारण्य में लाखों श्रध्दालु आते है. जिनमें से 50 प्रतिशत गॄहस्थ तथा 50 प्रतिशत संत तथा वितक्तगण होते है.
इस सभी के सेवार्थ
राधे अन्नक्षेत्र कि व्यवस्था है.
यहा आनेवाला हर प्राणी संतो के क्षण तथा राधे अन्नक्षेत्र का कण पाकर धन्य हो जाता है ओर यह सुन्दर सेवा आप सभी के उदार सहयोग का फल है. अन्नक्षेत्र के सुदॄढ संचालन हेतु वार्षिक एवं आजीवन सदस्यता की व्यवस्था है. जिसकी सदस्यता शुल्क वार्षिक रुपये 1100/- तथा आजीवन 100001/- है. जिन भावको को इस सेवा का लाभ अपने या अपने पूर्वजों तथा अपने बच्चों के नाम से गॄहण करना हो, वह कॄपया प्रधान कार्यालय नैमिषारण्य मे अथवा भारत के विभिन्न प्रांतो के किसी भी कार्यालय में संम्पर्क कर सकते है.
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अ) रोकड रुप में
दान :
१) भारत के विभिन्न प्रांतो के किसी भी कार्यालय में भारतीय
या परकीय चलन के
रुप में
२) भारत के विभिन्न प्रांतो के किसी भी कार्यालय में डिमांड
ड्राप्ट या धनादेशाद्वारा दान करने
के बाद रिसीट
टपालद्वारा आपको
मिलेगा
१) जिन भावको को अपना दान 'मनी
ऑर्डर' के रुप मे
भेजना है वे 'श्रीमद
भागवत प्रचार
संस्थान' नाम से मनी
ऑर्डर नीचे दिए हुये
पत्तेपर भेज सकते
है.
२) जिन भावको को अपना दान 'डिमांड ड्राप्ट
या धनादेशाद्वारा'
भेजना है वे 'श्रीमद भागवत
प्रचार संस्थान'
नाम से डिमांड
ड्राप्ट या धनादेश नीचे दिए हुये
पत्तेपर भेज सकते
है.
श्रीमद भागवत प्रचार संस्थान
व्यासगद्दी नैमिषारण्य
जि. सीतापूर उ. प्र. भारत २६१४०२
क) इलेट्रानिक
दान
( इलेट्रानिक मनी
ट्रांसपर) :
जिन भावको को अपना दान 'इलेट्रानिक मनी
ट्रांसपर' सुविधा
के तहत भेजना है वे संस्थान
के बँक खाते मे जमा
कर सकते है,
संस्थान का दिए हुये राष्ट्रीयकॄत
बँक मे खाता है.
खाता नाम :
Shaliendra Shastri
खाता नंबर:
08521000003054
बँक का नाम: HDFC
शाखा नाम:
Sitapur Branch
शाखा पता: Sitapur
Branch, UP 261001
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श्री शास्त्री जी का कथा सत्संग पाने हेतु भा
रत में निम्नंकित किसी भी नंबररात कर सकते
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